रास्ता कितना भी मुश्किल क्यों न हो, उसमें कितने भी नुकिले पत्थर, गड्ढे क्यों न हों, जो व्यक्ति कड़ी मेहनत से उस पर विजय प्राप्त कर लेता है, वही सफल होता है। गढ़चिरौली जिले के ऐसेही एक उद्यमी और सफल व्यक्तित्व हैं डॉ. प्रणय खुणे। दृढ़ संकल्प, कड़ी मेहनत और धैर्य से समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखकर उन्होंने युवाओं के लिए एक मिसाल कायम की है।
गढ़चिरौली महाराष्ट्र का एक बहुत ही दूरस्थ जिला है। जब हम गढ़चिरौली कहते हैं, तो हमारी आंखों के सामने जो तस्वीर खडी होती है, वो यह एक आदिवासी बहुल क्षेत्र है जहां संचार की सुविधा खराब है। यह क्षेत्र लगातार नक्सली गतिविधियों के कारण अत्यधिक संवेदनशील है। ऐसे निरंतर अस्थिर वातावरण में सफल व्यवसाय का निर्माण करना कठिन है, लेकिन डॉ. प्रणय खुणे इन्होने इस शिव धनुष्य को उठाने का सफलतापूर्वक प्रयास किया।
आज उन्होंने ‘खुणे कंस्ट्रक्शन कंपनी’ की स्थापना की है, जिसका टर्नओवर करोड़ों में है और अपनी समाज के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को बनाए रखते हुए वे गढ़चिरौली जिले में व्यवसाय और उद्योगो को बढ़ावा देने और लोगों को रोजगार प्रदान करने के लिए वह अथक प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. प्रणय खुणे कुरखेड़ा तालुका के गुरनोली गांव से हैं। अत्यंत दूरस्थ इलाके से आने वाले प्रणय ने अपनी आजीविका ग्राम सचिव के रूप में शुरू की। जब वह काम के लिए घर से निकले थे तो उनकी माँ ने उन्हे एक लोहे का बक्सा दिया था। इस बक्से में एक थाली, कटोरी, गिलास और एक चद्दर थी। उनकी यात्रा इसी पुंजी से शुरू हुई।
आज कड़ी मेहनत के कारण कन्स्ट्रक्शन व्यवसाय में ५० ट्रक और १०० मशीनरी के वह मलिक हैं। उन्होंने गढ़चिरौली जैसे अत्यंत दूरस्थ इलाके में करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया है। उनकी सम्पूर्ण यात्रा ज्ञानवर्धक एवं बहुत शिक्षाप्रद है।
ग्राम सचिव के रूप में कार्य करते हुए प्रणय खुणे कई गांवों से जुड़े। उन्होंने अपने बीस साल के कार्यकाल के दौरान अत्यंत संवेदनशील ग्राम पंचायत और गांव का परिवर्तन किया| लोगों को बुनियादी सुविधाएं, सड़क और पानी मिले इस लिए काम किया। विभिन्न सरकारी योजनाओं को सबसे दूरस्थ क्षेत्रों तक विस्तारित किया। विभिन्न एवं प्रमुख विकास परियोजनाओं को लोगों तक पहुंचाया।
बीस वर्ष का समय बहुत लम्बा होता है, जिसमें उन्होंने ग्राम सचिव के रूप में कार्य करते हुए समाज के लिए प्रतिबद्धता के कारण से समाज के अंतिम स्तर तक विकास और सुविधाएं पहुंचाने का काम जारी रखा। बाद में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी और ‘खुणे कंस्ट्रक्शन कंपनी’ के नाम से अपना खुद का कन्स्ट्रक्शन व्यवसाय शुरू किया।
आज गढ़चिरौली जिले में ‘खुणे कंस्ट्रक्शन कंपनी’ द्वारा लगभग ५०० किलोमीटर की सड़कें बनाई गई हैं। उन क्षेत्रों में सड़कें बनाई गईं जहां घने जंगल और अत्यधिक संवेदनशील नक्सली क्षेत्र थे और जहां मानव पहुंच नहीं सकता था, तथा सड़क नेटवर्क को गढ़चिरौली जिले के बिल्कुल अंत क्षेत्रों तक बढ़ाया गया।
अत्यंत दूरस्थ और संवेदनशील होने के बावजूद गढ़चिरौली जिला प्रकृति से समृद्ध जिला है। प्रकृति ने यहां बहुत सी चीजें प्रचुर मात्रा में उपलब्ध कराई हैं। प्रकृति से समृद्ध इस जिले में प्रकृति से जुड़ी अनेक औद्योगिक अवसरों की काफी संभावनाएं हैं। सबसे बड़ा अवसर पर्यटन उद्योग के लिए है।
दरअसल, उन्होंने सरकार से इस जिले को पर्यटन जिला घोषित करने की मांग की है। वे इस बात पर जोर देते हैं कि यहां कई दर्शनीय स्थल हैं, जो उपेक्षित हैं उन्हे विकसित किया जाना चाहिए। यहा के कुछ स्थानों पर तो राज्य सरकार ने करीब करीब ५० स्थानों को ‘सी’ श्रेणी का दर्जा दिया गया है।
यदि इन स्थानों का बड़े पैमाने पर विकास किया जाए तो यहां रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे। डॉ. प्रणय खुणे कहते हैं, इसके अलावा यहां कई स्वयं सहायता समूह भी हैं, लेकिन यहाँ इच्छित रोजगार पैदा नहीं हो रहा है, इसलिए हम उस पर भी काम कर रहे हैं।
वे सुझावों और प्रस्तावों पर काम कर रहे हैं ताकि सरकार छोटे व्यवसायों को कुछ मदद दे सके। उनका ध्यान इस बात पर है कि हर गांव में रोज़गार कैसे निर्माण किया जाए। इसके अलावा गढ़चिरौली में बांस बड़ी मात्रा में उपलब्ध है। गढ़चिरौली जिले में बांस से बनी वस्तुएं, खिलौने और सजावटी उपकरण जैसे उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं।
यहां बांस से जुड़े कारोबार की अच्छी संभावनाएं हैं, लेकिन इसके बारे में जागरूकता नहीं है। लोगों को समझ नहीं आता कि क्या करें। तो ऐसे समय में सरकार को यहां बड़े पैमाने पर कौशल विकास केंद्र शुरू करने चाहिए। इससे शिक्षित बेरोजगार अगरबत्ती उद्योग और बांस हस्तशिल्प जैसी कई परियोजनाएं स्थापित करने में सक्षम होंगे। इसके लिए सरकारी के स्तर पर उनके प्रयास जारी हैं।
खुणे कहते हैं, हम अपने माध्यम से स्थानीय उद्यमियों से प्लाईवुड उद्योग शुरू करने का निवेदन कर रहे हैं। यहां प्लाईवुड उद्योग की अच्छी संभावनाएं हैं। इसके साथ ही यहां ‘मोहा’ भी बड़ी मात्रा में है। फिर मोहा पर आधारित एक बड़े पैमाने पर उद्योग बनाने के प्रयास भी चल रहे हैं।
हम इसके लिए राज्य सरकार से लगातार संपर्क में हैं। हम इसके लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू कर रहे हैं। ताकि हम छोटे व्यवसायों के सामने आने वाली समस्याओं और कठिनाइयों को हल करने में मदद कर सकें। यदि किसी को अपने व्यवसाय के लिए ऋण प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, या वह नहीं जानता कि ऋण प्रस्ताव कैसे तैयार किया जाए, या उसे किसी परियोजना को विकसित करने में सहायता की आवश्यकता है, तो उनके सहकारी मदद के लिए मौजूद है।
डॉ. प्रणय खुणे राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के महाराष्ट्र राज्य प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं। इसके माध्यम से वे जमीनी स्तर के लोगों तक पहुंचते हैं। जहां भी मानवाधिकारों का उल्लंघन होता है, उन मुद्दों को इस संगठन के माध्यम से राज्य सरकार के समक्ष रखा जाता है।
वेस्टर्न अमेरिकन यूनिवर्सिटी चेन्नई ने प्रणय खुणे जी को उनके कार्य के सम्मान में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया है। इसके अलावा उन्हें ‘लोकमत लोकनायक’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया है।
चाहे कोई भी क्षेत्र हो, उद्योग, राजनीति या सामाजिक डॉ. प्रणय खुणे सर ने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। उन्होंने न केवल गढ़चिरौली जैसे संसाधन विहीन स्थान पर अपना व्यवसाय शुरू किया, बल्कि अपने उद्योग को सफलता के शिखर तक भी पहुंचाया। वे दूसरों को भी विकास और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।
संपर्क : ९८३४९२४०५५